आज का युग - आज का जमाना कॉम्पिटिशन का है, इसमें कोई खींचा गया,कोई ढकेला गया,उसकी खुदकी इच्छा हो या ना हो। और लोग कम्पेअर करने लगे। ये अच्छा की वो अच्छा !
और कॉम्पिटिशन किसके साथ? खुद के साथ। पहले से बेहेतर बनने का, और औरो से भी बेहेतर बनने का।
हम कही पीछे ना रह जाए, कही पीछे ना छूट जाए इसके लिए भागना, दिन रात भागना। वनडे क्रिकेट के लिए नए खिलाडी उभर के आए जिनकी शारिरीक और मानसिक क्षमता बिलकुल इसके योग्य थी। और पचास - पचास ओवर का वनडे होने लगा।